चुड़ैल और प्रेत का खूनी खेल (Churail Or Praet Ka Khooni Khel)



( is The Real Story)


हेल्लो दोस्तों मैं प्रमोद सिंह एक बार फिर अपनी साईट पर आपका स्वागत करता हूँ हर बार की तरह इस बार भी मैं आपको एक रियल स्टोरी सुनाना चाहता हूँ जो की एक औरत और उसके देवर की है जिन्हें उसके ही पति ने मार डाला और वो बाद मैं भूत बन गए दोस्तों कहानी सुनाने से पहले मैं आप लोगो को एक बात बताना चाहता हूँ कृपा करके इस पर ध्यान दें 
दोस्तों यह कहानी दहेज़ पर आधारित है आज कल देश में दहेज़ प्रथा चल रही है जिससे हमारे देश की बहन बेटियां आत्महत्या कर रही हैं और जिन्दा जलाई जा रही और भी अन्य तरहों से लाचार और बेबस हो गयी हैं किसी का पति उन पर अत्याचार करता है तो किसी के सास,ससुर तो दोस्तों मैं इस बात पर यही कहना चाहूँगा की आप लोग दहेज़ लेना व देना दोनों बंद कर दें और आप जिनसे भी मिलते हैं और इस बारे में सुनते हैं उन लोगों को जागरूक जरूर करें ताकि किसी की बहन-बेटियां इस वाकये से ना गुजरें सायद कल कहीं उनमे आपकी बहन या बेटी भी हो सकती है ! 






तो दोस्तों अब मैं अब अपनी कहानी पर आता हूँ 


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             दोस्तों आज से 6-7 साल पुरानी बात है उन दिनों मैं कक्षा 7 में स्कूल पड़ता था स्कूल हमारे घर से करीब 5 किलोमीटर दूर था जिस रस्ते से हम स्कूल जाते थे उस रास्ते से आठ दस घर पड़ते थे उनमे से एक घर था राजन का राजन एक शराबी था उसकी एक औरत और दो बच्चे थे एक लड़का और एक लड़की, लड़का करीब 8 साल का था और लड़की 5 साल की थी उन दिनों मैं और मेरा छोटा भाई स्कूल जाते थे  मेरा भाई कक्षा 4 में पड़ता था  जब हम सुबह उनके घर से स्कूल की तरफ जाते थे तो वहा से कभी राजन की औरत की रोने की आवाज आती , तो कभी राजन की गालियाँ देने की और तो और कभी-कभी तो राजन अपनी औरत को लकड़ी से मारता हुआ भी नजर आता था हमें बहुत बुरा लगता था लेकिन हम क्या करते उन दिनों हम बहुत छोटे थे और हमें जयादा कुछ पता भी नहीं था हा हम जब भी ये बात किसी को बताते थे तो सब यही कहते थे की उनका तो रोज का ही है उसके बाद हमें पता चला की राजन अपनी पत्नी को दहेज़ ना देने की वजह से पीटता था उसके ससुराल वाले भी उससे ज्यादा कुछ कह नहीं पाते थे क्योंकि वो लो बहुत गरीब थे और राजन उन्हें भी धमकाता रहता था कि अगर उन्होंने दहेज़ नहीं दिया और तो उनकी बेटी को मार दूंगा ! तो दोस्तों उसके बाद एक दिन जब हम स्कूल को जा रहे थे तो हमने देखा की राजन अपनी पत्नी को खूब मार रहा है और वो हाथ जोड़कर नीचे घुटनों के बल बैठी है जब हम वहा पर गए और मैंने राजन से कहा की क्यों मार रहे हो तो वह तो वो हमको ही डाटने लगा और कहने लगा की तुमको इससे क्या मतलब निकलो यहाँ से और लकड़ी उठाकर हमारी तरफ आया तो हम डर गए और वहाँ से भाग गए और वह से सीधे स्कूल चले गए उसके दो-तीन दिन के बाद एक दिन हम रात को करीब 9 बजे अपने घर से बाहर को आये तो हमने देखा की बहुत सारी टोर्च वाले लोग नीचे जंगल में इधर-उधर घूम रहे हैं मानो किसी को ढूड रहे हो  थोड़ी देर हमने देखा और फिर हम अन्दर जा कर सो गए दूसरे दिन हमको पता चला की राजन की औरत ने फांसी लगा ली है, और ओ मर गयी है ! हम भी उसे देखने गए तो हमने देखा की उसके गले में एक रस्सी है और उसे उसके जरिये पेड़ पर लटकाया गया है और उसके सर में एक घाव हुआ था सायद वह गिर गयी हो या किसी ने उसके सर पर किसी भारी चीज से मारा हो... सब उसे ही देख रहे थे तभी उसके बाद वहा पुलिस आई और छानबीन करने लगी और लास को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने तक तो यही साबित हुआ की उसने फांसी लगाई है लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद पता चला की उसके मारा गया था और उसे उसके पति  राजन ने ही मारा था सारे सबूत और गवाह यही कह रहे थे उसके बाद लड़की के मायके वालों से भी पूछताछ की गयी और उनने भी बता दिया कि राजन उसके बेटी के साथ अत्याचार करता था और उसे दहेज़ के लिए परेशान जरता था और हम जब पुलिस को बताने की बात करते थे थो हमे बेटी को जान से मारने की धमकी देता था उनका बयान लेने के बाद पुलिस राजन को गिरफ्तार करके ले गयी लेकिन उसके दो दिन बाद ही राजन जेल से छूटकर वापस आ गया क्योंकि
 उसका बड़ा भाई ग्राम प्रधान था उसकी पुलिस वालों के साथ दोस्ती थी तो वह उसे छुड़ा लाया और फिर सब ठीक ठीक चल रहा था उसके दो तीन महीने बाद महाशिवरात्रि के दिन हम सब छोटा कैलाश को जा रहे थे हम बहुत लोग थे हम सब साथ जा रहे थे हम राजन के घर के ऊपर से ही जा रहे थे तो हमने देखा की उस रस्ते पर किसी के फटे हुए कपडे पड़े हुए थे थोड़ी दूर गए तो फिर देखा कि किसी के चप्पल भी थे और उसके आगे तो ऐसा लग रहा था जैसे कोई किसी को खीच कर घसीटते हुए ले गया हो वो निसान देखते-देखते हम आगे गए तो हमने देखा कि वो निसान वहा से नीचे भयंकर खाई थी उसकी ओर गये हैं जब हमने नीचे देखा तो वहा कोई गिरा था तभी हममैं से किसी ने कहा की हमें पुलिस को खबर कर देनी चाहिए उसके बाद हमने पुलिस को खबर कर दी थोड़ी देर बाद पुलिस आई तो हमने पुलिस को सारी बात बता दी उसके बाद पुलिस नीचे गयी और उनके साथ हम लोग भी गए वहा जाकर हमने देखा तो वह राजन का भाई पूरन था उसके बाद हम लोगो ने पूरन के घर खबर की और पुलिस ने सारी जाच पड़ताल की और लास को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया दो दिन के बाद रिपोर्ट आई तो पता चला की यह मर्डर भी राजन ने ही किया है  उसके बाद फिर से राजन को पुलिस ले गयी दो तीन दिन जेल मैं रखा और फिर वही उसका भाई उसे छुडा लाया अब उसके बाद जो हुआ असली स्टोरी तो उसी में है ये तो सिर्फ राजन की कहानी थी
तो दोस्तों उसके बाद एक दिन राजन वहा रेता निकालने के लिए गया जहा उसने अपनी पत्नी को मारा था सब यो रेत निकाल रहा था तभी उसे  भयंकर आवाज सुनाई दी जैसे कोई रो रहा हो उसने सोचा कोई नेपाली होगा क्योंकि  वहा आस-पास कुछ नेपाली और उनका परिवार रहता था उसने जयादा ध्यान नहीं दिया और वो अपने काम में लग गया थोड़ी देर बाद उसने फिर आवाज सुनी लेकिन इस रोने की आवाज नहीं आई कोई औरत चिल्ला रही थी मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो
अब तो वो जिस तरफ से आवाज आ रही थी उस तरफ देखने गया की कौन है? वह जाते-जाते उस पेड़ के पास पहुच गया जहा पर उसने अपने पत्नी मारी थी लेकिन उसे याद नहीं था उसे वहा कोई दिखाई नहीं दिया तो वह मुड़कर जाने लगा तभी पीछे से बड़ी भयंकर आवाज आई आओ राजन मेरे पास आओ वह थोडा सा डरा लेकिन उसने पीछे मुड़कर देखा तो वहा उसे एक औरत बैठी हुई देखी उसने अपने बाल चहरे के आगे से डाले हुए थे




 इस कारण वह पहचान में नहीं आ रही थी लेकिन उसके हाथ काले हुए थे और बड़े-बड़े नाख़ून हुए थे राजन ने कहा कौन हो तुम तो वो बोली इतनी जल्दी भूल गए मुझे?राजन ने कहा तुम अपना चहरा तो दिखाओ मुझे इतना कहते ही उस औरत के बाल अपने आप हवा से उड़ने लगे और उसका चहरा दिखने लगा चहरा देखते ही राजन का मुह लाल हो गया और वह दर के मारे कापने लगा क्योंकि वह औरत और कोई नहीं बल्कि उसकी औरत की आत्मा थी वह बोली राजन मैं तुम्हे आज जिन्दा ही खा जाउंगी तुमने आज तक मुझपर बहुत आत्याचार किया और लास्ट में मरी बेरहमी से हत्या कर दी इतना सुनते ही राजन भागने की कोशिस करने लगा लेकिन उसने अपनी शक्ति से अपनी ओर खीच लिया और एक बड़ी मोटी लकड़ी हाथ में पकडकर उसे मारने लगी उसने उसे दो चार मारे ही थे की तभी दुसरे और से आवाज आई रुक जाओ यह मेरा भी गुनाहगार राजन ओर उस चुड़ैल ने पीछे मुड़कर देखा तो वहां राजन के भाई पूरन की आत्मा खडी थी वह बोला भाबी यह मेरा गुनाहगार है इसने मुझे घसीट-घसीट कर मारा है अब तो राजन पागल हो गया था और वो दोनों उसे लगातार लकड़ी से मारे जा रहे थे राजन बोला मुझे छोड़ दो मुझे माफ़ करदो लेकिन वो कहा सुनते वो तो प्रेत आत्मा थे उन्हें तो सिर्फ बदला लेना था थोड़ी देर बाद उन दोनों ने राजन को बीच से फाड़ दिया और उसका सारा खून पी और फिर पूरन उसे घसीटकर वहां से थोड़ी दूरी पर एक खाई थी वह फैंक आया




 दुसरे दिन जब लोगो को राजन की लास मिली तो उन लोगो ने पुलिस को खबर की पुलिस आई और उसे देखकर कहा की सायद किसी जानवर ने इसे मारा है फिर पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के ये तो साफ़ हो गया की इसे किसी जानवर ने मारा है लेकिन इसका पता नहीं चला की किस जानवर ने इसे मारा हैबाद में उसके घरवाले किसी बड़े हकीम के पास गए तो उसने बताया की उसे किसी जानवर ने नहीं बल्कि उसकी पत्नी और उसके भाई की आत्मा ने मारा है ये कहानी हमने उसी हकीम के बताने पर लिखी है 




 अगर आपको मेरी स्टोरी अच्छी लगी तो प्लीज                                      कमेंट करके मुझे जरूर बताएं यह स्टोरी सच में                                 रियल स्टोरी है और आगे भी मैं इस तरह की                                        स्टोरी लेकर आऊंगा





                                                               धन्यवाद 

टिप्पणियाँ

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