हरनगर गाँव पर भयंकर साँपों का हमला  (Harnagar Gaon me Bhayankar Saanpo Ka Hamla)

                      ( is The Real Story )


हैल्लो दोस्तों मैं प्रमोद एक बार फिर एक नयी रियल घोस्ट स्टोरी लेकर हाजिर हूँ तो ये कहानी करीब एक साल पुरानी है उन दिनों मैं अपने गाँव हरनगर गया हुआ था वेसे आजकल मैं पूना में रहता हूँ तो मैं अब कहानी पर आता हूँ उस दिन सुबह करीब 10 बजे मैं अपने घर के भूमिया मंदिर में गया हुआ था धूप सकने क्यूंकि उन जाड़ो का दिन था और हमारे घर के पास धूप नहीं आती थी इसलिए मैं वहा पर गया हुआ था मैं थोड़ी देर मंदिर के पास वाले पत्थर पर बैठा ही था की मेने मंदिर के पीछे से एक भयंकर सांप आते हुए देखा मैं घबरा गया क्योंकि वह करीब 20 फुट लम्बा और 4  फुट मोटा था
 मानो कोई अजगर हो उधर मंदिर के पास एक आगन बनाया हुआ था वह वहा पर आकर फन फैलाकर बैठ गया मेरी आँखे फटी  की फटी तो तब रह गयी जब मैंने देखा ठीक उसी तरह का दूसरा सांप मंदिर के पीछे से और आ रहा है अब तो मैं बहुत ही डर गया और मैंने पीछे की और से सीधे घर की और दौड़ लगा दी और सीधे घर पहुचकर पापा को सारी बात बता दी फिर उसके बाद पापा और मैं वह दुबारा देखने आये और अपने साथ बड़ी-बड़ी लकड़ियाँ भी लेकर आये लेकिन जब वापस आये तो वहा कुछ भी नहीं था फिर तो हमने आधा दिन लगा दिया उनको ढूडने में और वो कही नहीं मिले उसके बाद हम घर चले गए दुसरे दिन जब पापा दूध लेकर डेयरी  को जा रहे थे तो हमारे घर के थोडा सा उप्पर जाकर बीच रास्ते मैं पापा ने दो भयंकर साप देख लिए





 उन्हें देखकर पापा डर गए और उनके मुह से बड़ी जोर से आवाज निकली ooooooooooooyyyyyy..........   नीचे से जब हमने वह आवाज सुनी तो मैं दौड़ कर गया  वहा जाकर देखा तो वो ही कल के दो साप थे जो भयंकर रूप में एक दुसरे से लिपटे हुए थे पापा ने मुझे देखा तो पापा ने मुझे कहा की तुम्हारे जेब मैं कोई भेट है मैंने अपनी जेब में देखा तो मेरी जेब 5 रुपया था मैंने वह पापा को दे दिया पापा ने उसके हाथ में पकड़कर हाथ जोड़े और मान विनती करने लगे और भगवान को याद करने लगे दो करीब एक मिनट प्राथना करने के बाद  हमने देखा की वो साप अपने-आप कही गायब हो गए हे अब पापा डेयरी गए और मैं घर आ गया उसी दिन करीब 4 बजे की बात है सब लोग चाय पी रहे थे मेरी दादी बाहर पानी के पास बर्तन धोने जा रही थी वो आगन में पहुची ही थी की उसका हल्ला शुरू वो प्रमोद इधर आ यहाँ सांप है हम सब भागकर बाहर गए तो एक भयंकर मोटा साप था जितना मोटा पहले देखा था लेकिन इस बार यह लाल कलर का था और पहले वाले काले कलर के थे वो साप नाली ही नाली निचे को जा रहा था और थोड़ी देर मैं वह आँखों से ओझल हो गया अब तो सारा परिवार डरने लग गया की कब साँप आ जाए अब उसके दुसरे दिन पिताजी हमारे देवता नाचने वाले के पास गए और उन्हें सारी बात बता दिए  तो उस देवता नाचने वाले ने बताया की भूमिया देवता की चाल हो गयी हे तो इस पर पापा ने उनसे उसका उपाय पुछा तो उन्होंने कहा की आप लोगो ने उस दिन भूमिया देवता को हर 3 साल में बकरा देने का वादा की था याद कीजिये पापा ने दिमाग में जोर डाला तो उन्हें याद आया की उनके पिताजी ने यह सुरु किया था जिसमे हर तीन साल मैं बकरा मंदिर मैं देना था लेकिन पिताजी के गुजरने के साल हमने बकरा दिया था लेकिन उसके बाद 5 साल हो गए लेकिन हमने अब तक बकरा नहीं दिया है उसके बाद तीसरे ही दिन हमने भूमिया मंदिर में बकरा काटा और पूर्ण विधि से पूजा की और उसके बाद हमने कभी वेसे सांप नहीं देखे 

                                                                                      
अगर आपको मेरी स्टोरी अच्छी लगी तो प्लीज                                      कमेंट करके मुझे जरूर बताएं यह स्टोरी सच में                                 रियल स्टोरी है और आगे भी मैं इस तरह की                                        स्टोरी लेकर आऊंगा






                                                               धन्यवाद 

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