सरकारी बिल्डिंग में भयानक चुड़ैल का साया  (Sarkari Bilding Me Bhayanak Chudail Ka Saya)


(is The Real Story)



हेल्लो दोस्तों में प्रमोद सिंह एक बार फिर आपका स्वागत करता हूँ.
अपनी वेबसाइट पर हर बार की तरह इस बार भी मैं हाजिर हूँ,
एक हॉरर स्टोरी लेकर जो की रियल है.
और यह मेरे साथ ही घटी थी आज से दो साल पहले.
     तो दोस्तों मैं अब अपनी कहानी पर आता हूँ
आज से दो साल पहले की बात है उन दिनों मैं इंटर की परीक्षा कि 
तयारी के लिए हल्द्वानी गया हुआ था और वहां एक सरकारी संस्था थी जिसमे मेरा दोस्त विक्की रहता था तो उसकी वह पर बराबर सेटिंग थी
इसलिए उसने मेरा वह जुगाड़ लगा दिया और मैं वहां फ्री मैं रहने लगा
हम वहां तीन लोग रहते थे विक्की मैं और उसका भाई उसके भाई का
नाम प्रदीप था  वहां पास मैं एक बेंकट हॉल था उसमे ज्यादातर हर रात
शादी होती थी  विक्की और मैं हर रात  करीब आठ साड़े-आठ बजे वहां जाते थे थोड़ी देर शादी देखी खाना-पीना खाया और उसके बाद रात 12 बजे तक घर आते थे प्रदीप हमारे साथ में नहीं आता था वो ज्यादा शादी में जाना पसंद नहीं करता था इसलिए हमें उसके लिए खाना बनाकर जाते थे और थोडा बहुत शादी से भी ले आया करते थे ऐसे ही दस-पंद्रह दिन बीत गए थे और हम हर रोज शादी में जाया करते थे हम रात को 12 बजे के करीब आते थे उस समय तक प्रदीप को नींद आई रहती थी तो हम उसको उठाकर जो भी उसके लिए शादी से लेकर आते जैसे रसगुल्ला,गुलाब-जामुन,आइस-क्रीम आदि वो उसे खिलते और फिर सब लोग सो जाते वही हमारे कमरे के उप्पर दो मजले में एक अंकल रहते थे और हम खाने बनाने से पहले थोड़ी देर अंकल के साथ बैठते थे और उसके बाद जल्दी से खाना बनाया और फिर शादी में चले गए ऐसे ही एक दिन हम अंकल के साथ बहार से उनके लेंटर में बेठे थे थोड़ी देर अंकल से बात की फिर अंकल सब्जी लाने अन्दर चले गए उसी समय अंकल की बहार की लाईट झम-झम करने लगी हमने आस-पास देखा तो वह तो लाईट बिलकुल ठीक थी और फिर थोड़ी देर में अपने-आप ठीक हो गयी फिर अंकल सब्जी गैस में रखकर बहार आ गए उस बारे मैं अंकल से कुछ नहीं कहा क्योंकि हमने सोचा सायद हमारी ही लाईन मैं प्रब्लोम हो उन दिनों गर्मियों के दिन थे तो हमने और अंकल ने प्रोग्राम बनाया की आज बहार ही सोते हैं तो सब मान गए और हम सब खाना खाकर बहार सो गए उसके बाद करीब 12 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा की अंकल की रसोई की लाईट खुली हुई है वहाँ से रसोई साफ़ नजर आ रही थी क्योंकि वहाँ सिर्फ चैनेल गेट था जिससे आर पार साफ़ दिखता है अब  मैंने अंकल को आवाज लगायी की आपकी रसोई की लाईट खुली रह गयी है और अंकल उठने लगे और मैं नीचे को सोने लगा अंकल उठे तो वो मुझसे बोले क्यों रे इतनी रात को पागल बनाने के लिए मैं ही मिला रे तुझे कहा खुली है लाईट मैंने ये सुना तो मुझे अजीब लगा मैंने तो अभी अपनी आखों से देखि थी लाईट खुली हुई मैंने उठकर देखा तो वहां लाईट बंद थी मैंने अंकल से कहा की सायद लाईट चली गयी हो क्योंकि मैंने अभी अपने आखों से देखि थी जली हुई अब तो अंकल ताला खोलकर अन्दर गए और वहां जाकर लाईट बटन चेक करने लगे और उनके साथ मैं भी गया हुआ था मैंने लाईट का बटन देखा तो मुझे एक दम से झस्स सी हुई क्योंकि वहां तो लाईट बंद थी तभी अंकल ने बटन खोला तो लाईट जल गयी और अब तो डर लगा की वो लाईट जली तो थी लकिन वो बंद किसने कर दी   उसके बाद  मैंने अंकल से कहा की सच में अभी थोड़ी देर पहले तो लाईट जली थी तो अंकल बोले की सायद तुम्हारा ब्रह्म होगा 
अब उसके बाद अंकल सो गए लेकिन मुझे तो नींद ही नहीं आई और मैं उसी के बारे मैं सोचने लगा और बार-बार उस तरफ देखने लगा की कही वहाँ फिर से लाईट तो नहीं जलेगी लेकिन कुछ नहीं वो सब सोचते-सोचते कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला और सुबह उठा तो वो बात ही मेरे मन मैं चल रही थी मैंने वो बात विक्की को बताइ भी थी लेकिन वो बोला कि यर भूत वूत कुछ नहीं होता सब भ्रम है 




उसके बाद रात को हम छत पर नहीं सोये निचे कमरे में ही सोये वहां दो कमरे थे एक मैं और प्रदीप सोये थे और दुसरे कमरे मैं विक्की सो गया हम सब को आराम से नींद आ गयी करीब रात 12 बजे की बात है विक्की भागते चिल्लाते अन्दर हमारे कमरे मैं आ गया और रोने जैसा मुह बनाकर हमारे सामने बैठ गया हमने उससे पूछा की क्या हुआ पहले तो उसने बहुत देर तक कुछ नहीं बताया लेकिन बहुत देर बाद बोला की किसी भयंकर चीज ने मेरा गला दबा दिया और चिल्लाने की कोशिस कर रहा था लेकिन चिल्ला नहीं पा रहा था उसके बाद हमने उससे कहा की कौन था वो जिसने तुम्हारा गला दबा दिया था तो वो बोला मुझे पता नहीं को वो कौन था लेकिन वो भयंकर काला लम्बे बालों वाला था सायद कोई औरत लेकिन हम समझ गए की इस बिल्डिंग मैं जरुर कोई चुड़ैल का साया है




 उसके बाद तो विक्की उस कमरे मैं अकेले कभी नहीं सोया और हमारे साथ ही सो गया अब तो दुसरे दिन से उस बिल्डिंग की छत  रात को भयंकर आवाज करने लगी धम्म-धम्म उसके बाद तो हमे रात को नींद भी नहीं आती थी और हम डरे सहमे से रहते थे उसके बाद एक दिन तो हद ही हो गयी खाना खाने के बाद प्रदीप बाथरूम जा  रहा था तो उसे भयंकर चुड़ैल सामने दिख गयी





 और वो वही बेहोश हो गया जब हमने उसकी गिरने की आवाज सुनी तो हम उसे देखने गए और वह वहां गिरा हुआ था और बेहोश हुआ था हमने उसके मुह में पानी के छीटे मारे तो वो होस में आया उसके बाद हमने उससे पुछा की क्या हुआ था तो उसने बताया की एक भयंकर प्रेतनी अचानक मेरे सामने आ गयी और मैं दर के मारे बेहोश हो गया उसके बाद तो हम दुसरे ही दिन वो कमरा वहां से चले गए और उसके बाद वहां कभी नहीं आये  

अगर आपको मेरी स्टोरी अच्छी लगी तो प्लीज                                      कमेंट करके मुझे जरूर बताएं यह स्टोरी सच में                                 रियल स्टोरी है और आगे भी मैं इस तरह की                                        स्टोरी लेकर आऊंगा






                                                               धन्यवाद 

टिप्पणियाँ

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